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Tuesday, April 27, 2010

आदतन तुम ने कर दिए वादे

आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया

तेरी राहों में बारहा रुक कर
हम ने अपना ही इंतज़ार किया

अब ना मांगेंगे ज़िन्दगी या रब
यह गुनाह हम ने एक बार किया

- गुलज़ार साहेब


1 comment:

Udan Tashtari said...

आभार गुलज़ार साहब की रचना पढ़वाने का.