Pages

Thursday, April 29, 2010

जब भी यह दिल उदास होता है - सीमा (१९७१)


जब भी यह दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है

होंठ चुप चाप बोलते हो जब
सांस कुछ तेज़ तेज़ चलती हो
आँखें जब दे रही हो आवाजें
ठंडी आँहों में सांस जलती हो
ठंडी आँहों में सांस जलती हो..
जब भी यह दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है

आँख में तैरती हैं तसवीरें
तेरा चेहरा तेरा ख्याल लिए
आईने देखता है जब मुझको
एक मासूम सा सवाल लिए
एक मासूम सा सवाल लिए

जब भी यह दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है..

कोई वादा नहीं किया लेकिन
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है
बेवजह जब करार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है
दिल बड़ा बेकरार रहता है

जब भी यह दिल उदास होता है
जाने कौन आस पास होता है...

गायक - मोहम्मद रफ़ी
फिल्म - सीमा (1971)
गीतकार - गुलज़ार

7 comments:

Mayur Malhar said...

यह एक संयोग ही है की कमेंट्स लिखते समय मैं येही गीत अपने कंप्यूटर पर सुन रहा हूँ. बहुत ही सुंदर गाना है. आप इसके लिए बधाई के पत्र हैं. शायद इसका दूसरा पार्ट शारदा और रफ़ी जी की आवाज़ में भी है.

Piyush Aggarwal said...

ji aapne bilkul sahi farmaya..yeh sharda ji aur rafi ji ki awaaz mein bhi hai.

Udan Tashtari said...

पढ़्कर फिर यू ट्यूब पर सुना...आनन्द आया.

Shekhar Kumawat said...

bahtrin bahut khub



badhia aap ko is ke liye

shkehar kumawat

Shekhar Kumawat said...

bahtrin bahut khub



badhia aap ko is ke liye

shkehar kumawat

Shekhar Kumawat said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Amit Tyagi said...

Dil baag baag ho gaya !!